वो सोच ही क्या जो नींद न उड़ाए
वो ख्याल ही क्या, की सोते ही खो जाए
खुली आँखों से सपने बना
जो नींद नहीं आती है
है अभिशाप नहीं, ये वरदान बड़ा है
न दखल किसी की, तू एकांत पड़ा है
इस समय को व्यर्थ न कर उपजाऊ बना
जो नींद नहीं आती है
लोग कहते है, सपने वो जो सोने न दे
अधूरे ख्वाबो को कबतक अतिरंजित करेगा ?
ये बिस्तर तेरी नोटबुक और तकिया कलम
इन सपनो को पूरा करने की नीति बना
जो नींद नहीं आती है
क्यों वजह जान कर भी अनजान बनता है
कारन जान के भी नादान बनता है
खुली आँखों से सोना तो और भी है बुरा
एक काम कर दो जाम लगा
जो नींद नहीं आती है
वो ख्याल ही क्या, की सोते ही खो जाए
खुली आँखों से सपने बना
जो नींद नहीं आती है
है अभिशाप नहीं, ये वरदान बड़ा है
न दखल किसी की, तू एकांत पड़ा है
इस समय को व्यर्थ न कर उपजाऊ बना
जो नींद नहीं आती है
लोग कहते है, सपने वो जो सोने न दे
अधूरे ख्वाबो को कबतक अतिरंजित करेगा ?
ये बिस्तर तेरी नोटबुक और तकिया कलम
इन सपनो को पूरा करने की नीति बना
जो नींद नहीं आती है
क्यों वजह जान कर भी अनजान बनता है
कारन जान के भी नादान बनता है
खुली आँखों से सोना तो और भी है बुरा
एक काम कर दो जाम लगा
जो नींद नहीं आती है
No comments:
Post a Comment