Monday

#5

 फिर इस पेन की हेल्प से में कुछ 'write' करता हु
फिर मन में कुछ नहीं पर 'try' करता हु 

की देखता हु चेहरे अनेक और 'cry' करता हु 
क्यों सब एक से नहीं है ये 'wonder why' करता हु 

जो तुम सामने होती तो में न 'excite' करता हु 
और तुम्हारे पीछे तो में भी 'dark knight'  बनता हु 

जब तुम सामने आती हो तो में 'fright' करता हु 
तब तुम्हारे अलावा और कुछ न 'sight' करता हु 

सोचता हु ये सब न बता के क्या में 'right' करता हु 
या अपने ही ब्राइट फ्यूचर को 'wash white' करता हु 

मगर में कहा इस बात पे किसी से 'fight' करता हु
बस हर बात को इसी तरह मन मे 'recite' करता हु

 और इसी तरह में 'experience paradise' करता हु
खुद लिखता हु, खुद पड़ता हु और खुदी को 'guide' करता हु

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